चली गोरी पी से मिलन को चली - The Indic Lyrics Database

चली गोरी पी से मिलन को चली

गीतकार - मजरूह | गायक - हेमंत | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - एक ही रास्ता | वर्ष - 1956

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चली गोरी पी से मिलन को चली
नैना बाँवरिया, मन में साँवरिया

डार के कजरा, लट बिखरा के
ढलते दिन को रात बना के
कँगना खनकाती, बिंदिया चमकाती
छम-छम डोले सजना की गली

कोमल तन है, सौ बल खाया
हो गई बैरन अपनी ही काया
घूँघट खोले न, मुँह से बोले न
राह चलत सम्भली सम्भली$