सबकुछ भुला दिया - The Indic Lyrics Database

सबकुछ भुला दिया

गीतकार - कार्तिक अवस्थी | गायक - सोनू निगम - सपना अवस्थी | संगीत - बाली ब्रम्हभट्ट | फ़िल्म - हम तुम्हारे हैं सनम | वर्ष - 2002

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हम ने तुमसे तुमने हमारा रिश्ता जोड़ा ग़म से
एक वफ़ा के सिवा कौन सी ख़ता हुई थी हमसे
कभी बंधन जुड़ा लिया
कभी दामन छुड़ा लिया
ओ साथी रे कैसा सिला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
तेरे वादे वो इरादे ओ साथी रे
सबकुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
बात कुछ समझ न आई
कमी क्या हमने पाई
एक तरफ़ा ये मोहब्बत
हम ही ने सिर्फ़ निभाई
जाम चाहत का देकर ज़हर नफ़रत का पिला दे
तेरे वादे वो इरादे ओ साथी रे
सबकुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
उम्रभर सो न सकेंगे
किसी के हो न सकेंगे
अजनबी तुम हो जाओ
गैर हम हो न सकेंगे
किसी बेगाने की ख़ातिर
तुमने अपनों को भुला दिया
तेरे वादे वो इरादे ओ साथी रे
सबकुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
अब मुझे जीना नहीं सनम
ये जहर पीना नहीं सनम
जन्म-जन्मों का नाता चंद लम्हों में मिटा दिया
तेरे वादे वो इरादे ओ साथी रे
सबकुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
(कभी बंधन जुड़ा लिया
कभी दामन छुड़ा लिया
ओ साथी रे कैसा सिला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
तेरे वादे वो इरादे ओ मितवा रे
सबकुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया
मेरी यादों में तुम हो
मेरी साँसों में तुम हो
मगर तुम जाने कैसी
ग़लत-फ़हमी में गुम हो
तुम्हारे घर को मंदिर
देवता तुमको बना लिया
तेरे वादे वो इरादे ओ मितवा रे
सबकुछ भुला दिया
ये वफ़ा का कैसा सिला दिया )