साथी है अलबेबा हमन तो है शिकवा मौसम से - The Indic Lyrics Database

साथी है अलबेबा हमन तो है शिकवा मौसम से

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - हम मतवाले नौजवान | वर्ष - 1961

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साथी है अलबेला फिर भी कोई अकेला
किसी से हम कुछ भी नहीं कहते
हमें तो है शिकवा मौसम से
साथी है अलबेला ...सुनता नहीं ज़माना राही का अफ़साना
रस्ता नया मंज़िल नई तन्हा है दीवाना
किसी को क्या लेना फिर हमसे
हमें तो है शिकवा ...सीने में सुलगाएं शोला सा ये हवाएं
फिर भी अगर दिल से मेरे दामन को वो बचाएं
तो कोई क्यों बिजली बन चमके
हमें तो है शिकवा ...दिल देखिए हमारा मांगा नहीं सहारा
इनको नहीं उनको नहीं तुमको नहीं पुकारा
तो कोई क्यों उलझे थम थम के
हमें तो है शिकवा ...