कितानि अकेली कितानी तनाहा सी लगी - The Indic Lyrics Database

कितानि अकेली कितानी तनाहा सी लगी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - तलाश | वर्ष - 1969

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कितनी अकेली
कितनी अकेली कितनी तनहा सी लगी उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेलीइस तरह खुले नैना आये वो मेरे आगे -२
जिस तरह किसी गहरी नींद से कोई जागे
अब जहान से दूर हूँ कहीं बैठी मैं अलबेली
कितनी अकेली

कितनी अकेली कितनी तनहा सी लगी उनसे मिल के मैं आज
कितनी अकेलीआ


काश वो मेरे बन के पास यूँ कभी आते -२
खुलते द्वार बाँहों के तन दिये से जल जाते
प्यार के बिना है ये मन मेरा जैसे सूनी हवेली
कितनी अकेली

कितनी अकेली कितनी तनहा सी लगी उनसे मिल के मैं आज -२
कितनी अकेली