गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - सुरैया | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - लाल कुंवरी | वर्ष - 1952
View in Romanनिगाहें क्यों मिलाई थीं अगर यूँ छोड़ जाना था -२
उम्मीदें क्यूँ जगाई थीं -२
अगर दिल को जलाना थाख़ुशीइ माँगी थी हमने ग़म से दामन भर दिया तूने -२
अरे ओ जाने वाले -२
हाय ये क्या कर दिया तूने
मुहब्बत की क़सम हमने तुझे ऐसा न जाना था
निगाहें क्यों मिलाई थीं अगर यूँ छोड़ जाना थाचले आवो तुम्हें इस दिल की आहें याद करती हैं -२
जो सूनी हो गईं तुम बिन वो राहें याद करती हैं
मिले क्यूँ थे अगर मिलना बिछड़ने का बहाना था
निगाहें क्यों मिलाई थीं अगर यूँ छोड़ जाना था
उम्मीदें क्यूँ जगाई थीं -२
अगर दिल को जलाना था