आजा कर ले मुक़ाबिला ये बाज़ी प्यार की - The Indic Lyrics Database

आजा कर ले मुक़ाबिला ये बाज़ी प्यार की

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - गीता, रफी | संगीत - मुकुल रॉय | फ़िल्म - जासूसी | वर्ष - 1958

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आजा कर ले मुक़ाबिला ये बाज़ी प्यार कीहो जाए फ़ैसला ये बाज़ी प्यार कीगी: कहती हूँ मान जा ऐ नादां मान जाउल्फ़त के खेलों में ख़तरा है जान कार: आजा कर ले मुक़ाबिला ...चाल मेरी मस्तानी हर क़दम मेरा तूफ़ानीर: वहाँ भी दिल वालों ने मर मिटने की ठानीगी: अच्छा तो होशियार ऐ नादाँ होशियारआजा फिर झूम के मेरे भोले शिकारर: आजा कर ले मुक़ाबिला ...र: रूप मिला है माना पर जोश न खाओ इतनागी: बात करो मत बढ़के देखेंगे जिगर है कितनार: तन कर जो आओगे देखो पछताओगेकल से इस राह से कतरा के जाओगेर: आजा कर ले मुक़ाबिला ...$