किसी ने आज मोहब्बत में चले भी आओ - The Indic Lyrics Database

किसी ने आज मोहब्बत में चले भी आओ

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रवि | फ़िल्म - एक साल | वर्ष - 1957

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किसी ने आज मोहब्बत को आजमाया है
वफ़ा को आज निभाने का वक़्त आया है
पुकार सुन के चले आओ दो घड़ी के लिये
बड़ी तमन्ना से हमने तुम्हें बुलाया है
चले भी आओ -३( चले भी आओ, चले भी आओ
तुम्हें क़सम है, चले भी आओ, चले भी आओ ) -२( उसी से कहते हैं बात दिल की
कि जिसको समझे कुछ अपना-अपना ) -२
मिटा न देना भरम ये मेरा
न तोड़ देना ये प्यारा सपनाचले भी आओ, चले भी आओ
तुम्हें क़सम है, चले भी आओ, चले भी आओ( न आये तुम तो कहेगी दुनिया
ये नाज़ झूठा ये प्यार झूठा
ये प्यार झूठा ) -२
ये दिल की धड़कन है एक धोखा
निगाह का इंतज़ार झूठाचले भी आओ, चले भी आओ, चले भी आओ, चले भी आओ