हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दर्द के सुर में गाते हैं - The Indic Lyrics Database

हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दर्द के सुर में गाते हैं

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - तलत महमूद | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - पतिता | वर्ष - 1953

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हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दर्द के सुर में गाते हैं
जब हद से गुज़र जाती है खुशी, आँसू भी छलकते आते हैं
काँटों में खिले हैं फूल हमारे, रंग भरे अरमानों के
नादान हैं जो इन काँटों से दामन को बचाए जाते हैं
जब ग़म का अन्धेरा घिर आए, समझो के सवेरा दूर नहीं
हर रात का है पैगाम यही, तारे भी यही दोहराते हैं
पहलू में पराये दर्द बसाके तू हँसना हँसाना सीख ज़रा
तूफ़ान से कह दे घिर के उठे, हम प्यार के दीप जलाते हैं