आज न जाने पागल मनवा काहे को घबराए - The Indic Lyrics Database

आज न जाने पागल मनवा काहे को घबराए

गीतकार - हसरत | गायक - किशोर | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - बेगुनाह | वर्ष - 1957

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आज न जाने पागल मनवा काहे को घबराए
हिच-हिच हिचकी आए रे तबियत बिचकी-बिचकी जाए

जब देखूँ अलबेला आँचल दिल पर बिजली टूटे
रूप नशीला एक झलक में दिल की दुनिया लूटे
कोई शराबी मद का प्याला जैसे पी के आए
हिच-हिच हिचकी आए ...

होश हमारे बन्दी बन कर हो गए नौ दो ग्यारह
किस मुश्किल में जान फँसी है अपने बज गए बारह
रूप की गर्मी शोला बन कर दिल में आग लगाए
हिच-हिच हिचकी आए ...$