हाए तबस्सुम तेरा - The Indic Lyrics Database

हाए तबस्सुम तेरा

गीतकार - Nil | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - निशान | वर्ष - 1965

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हाए तबस्सुम तेरा
धूप खिल गई रात में
या बिजली गिरी बरसात में
पलकों की चिलमन उठाना
धीरेसे ये मुस्कुराना
लब जो हिले जुल्फों तले छाया गुलाबी अन्धेरा
रोको ना अपनी हँसी को
जीने दो वल्लाह किसीको
तेरी हँसी रुक जो गई रुक जाएगा साँस मेरा