बाद मुद्दत के हम तुम मिले काशो - The Indic Lyrics Database

बाद मुद्दत के हम तुम मिले काशो

गीतकार - फारूक कैसर | गायक - सहगान, किशोर कुमार | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - काश | वर्ष - 1987

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कि: humming
बाद मुद्दत के हम-तुम मिले
मुड़ के देखा तो हैं फ़ासले
चलते-चलते ठोकर लगी
यादें वादे आवाज़ देते न काश -२

को: काश -२
कि: बाद मुद्दत के हम-तुम मिले
मुड़ के देखा तो हैं फ़ासले
चलते-चलते ठोकर लगी
यादें वादे आवाज़ देते न काशफूल बन कर जो चुभते रहे
ऐसे काँटों को क्या नाम दें
ग़ैर होते तो हम सोचते
कैसे अपने को इल्ज़ाम दें
शिक़वा हमसे होगा नहीं
भूली बिसरी राहों में मिलते न काशप्यार ही प्यार था हर तरफ़
कल थे लोगों की आँखों का नूर
आज कोई नहीं देखता
क्या हुआ हमसे ऐसा क़ुसूर
ऐसा होगा सोचा न था
धीरे-धीरे हम ही बदल जाते काशको: काश -२
कि: humming
बाद मुद्दत के हम-तुम मिले
मुड़ के देखा तो हैं फ़ासले
चलते-चलते ठोकर लगी
यादें वादे आवाज़ देते न काश -२