तूत गई दली अब कहां बसेरा अपना - The Indic Lyrics Database

तूत गई दली अब कहां बसेरा अपना

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - खुर्शीद | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - परदेसी | वर्ष - 1941

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टूट गई डाली बिखर गए तिनके
अब कहाँ बसेरा अपनाचाँद घिरा बदली में तारे टूट गए
कठिन डगरिया पग डोले मेरे साथी छूट गए
अब कहाँ बसेरा ...न आँख होती न कोई चुभता न रंज होते न प्यार होते
क़सम तुम्हारी न तुम पे मरते न दिल लगाते न ख़्वार होते
चाँद घिरा बदली ...