अगर मैं कहुं मुझे तुमसे मोहब्बत हैं - The Indic Lyrics Database

अगर मैं कहुं मुझे तुमसे मोहब्बत हैं

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - लक्ष्य | वर्ष - 2004

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उ : ( अगर मैं कहूँ
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है तो क्या कहोगी ) -२अ : मैं तुमसे कहूँगी
इस बात को अगर तुम
ज़रा और सजा के कहते
ज़रा घुमा-फिरा के कहते
तो अच्छा होताउ : ( अगर मैं कहूँ
तुमको जब देखूँ लगती हो जैसे नई
होंठ हैं पंखड़ी फूल की
आँखें जैसे जुगनू चमकते हुये
सोचे मेरा ये दिल धड़कते हुयेअगर मैं कहूँ -२
ये जो चेहरा है जैसे कोई चाँद है
तो क्या कहोगीअ : मैं तुमसे कहूँगी
मुझको भूले से भी चाँद तुम न कहो
चाँद में तो कई दाग़ हैं
मुझे फूल न कहना वो मुरझाते हैं
जुगनू भी न कहना वो खो जाते हैं
ये बातें पुरानी हैं
जो मुझको सुनानी हैं
किसी और अदा से कहते
ज़रा घुमा फिरा के कहते
तो अच्छा होताउ : अगर मैं कहूँ
मुझे तुमसे मोहब्बत है
मेरी बस यही चाहत है तो क्या कहोगीअगर मैं कहूँ -२
बातें सुन के तुम्हारी मैं हैरान हूँ
जो भी कहना है कैसे कहूँ
लगता तुम्हें कुछ भी अच्छा नहीं
सच को भी कहती हो सच्चा नहींअ : अगर मैं कहूँ -२
तुम्हें पता नहीं है क्यों
है प्यार मुझे भी तुमसे
तो क्या कहोगेउ : मैं तुमसे कहूँगा
मेरे दिल का है ये कहना
हम को है साथ में रहनाअ : ये दोनों के दिल में है ना
तो फिर क्यों कहनाउ : अगर मैं कहूँ
अ : तो मैं तुमसे कहूँगी