न हँसो प्यार पे नादान ज़माने वालों - The Indic Lyrics Database

न हँसो प्यार पे नादान ज़माने वालों

गीतकार - तनवीर नकवी | गायक - रफी | संगीत - एस मोहिंदर | फ़िल्म - शिरीन फरहाद | वर्ष - 1956

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न हँसो प्यार पे नादान ज़माने वालों
क्या मिटाओगे मुहब्बत को मिटाने वालों
(हजारों रंग बदलेगा ज़माना)
न बदलेगा मोहब्बत का फ़साना
मोहब्बत का फ़साना
हजारों रंग बदलेगा ज़माना
(पिघल जाते हैं पत्थर मोम होकर)
सिमट जाते है कतरे में समन्दर
(मोहब्बत छेड़ती है जब तराना)
न बदलेगा मोहब्बत का फ़साअना
मोहब्बत का फ़साना
हजारों रंग बदलेगा ज़माना
(मुहब्बत मौत से भी क्या मरेगी)
ज़माने से मुहब्बत क्या डरेगी
(के इसकी ठोकरों में है ज़माना)
न बदलेगा मुहब्बत का फ़साना
मोहब्बत का फ़साना
हजारों रंग बदलेगा ज़माना
न बदलेगा मुहब्बत का फ़साना
मुहब्बत का फ़साना
(हजारों रंग बदलेगा ज़माना)