अब मैं राशन के कतारों में नज़र आता हूँ - The Indic Lyrics Database

अब मैं राशन के कतारों में नज़र आता हूँ

गीतकार - ख़लील धनतेजवी | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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अब मैं राशन के कतारों में नज़र आता हूँ
अपने खेतों से बिछड़ने की सज़ा पाता हूँ
इतनी महंगाई के बाज़ार से कुछ लाता हूँ
अपने बच्चों में उसे बाँट के शरमाता हूँ
अपनी नींदों का लहू पोंछने की कोशिश में
जागते जागते थक जाता हूँ, सो जाता हूँ
कोई चादर समझ के खींच ना ले फिर से ख़लील
मैं कफ़न ओढ़ के फुटपाथ पे सो जाता हूँ