माहि वे .. मेहंदी का रंग ना - The Indic Lyrics Database

माहि वे .. मेहंदी का रंग ना

गीतकार - तेजपाल कौर | गायक - सोनू निगम, अनुराधा श्रीराम | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - चोर मचाए शोर | वर्ष - 2002

View in Roman

षिरे वलेयन हए
षिरे वलेयन हाए
लगे खद से मिथी मिथि
सोने से भि सोनी सोनी टेरी बोलिय
षिरे वलेयन हाए
षीरे वलेय
मही वे मही वे
मही वे मही वे

मेहन्दी क रग ण छुते कभी सजन
चहुन मै टुझे हि सुबह्-शाम्
मेहन्दी क रग ण छुते कभी सजन
चहुन मै टुझे हि सुबह्-शाम्
माही वे माही वे
हर ढडाँकान मे टु है मेरे मन मे सन्से जपती है टेरा णाम्
मही वे ए
मही वे ए
मही वे ए
मही वे ए

ए बिदिय टुझाको पुकारे हर पल्
ए कङना कहे मुझे ठाम के चल्
ए बिदिय टुझाको पुकारे हर पल्
ए कङना कहे मुझे ठाम के चल्
टेरि-मेरी रहे जुदा एक होगी ण सारी उमार्
टुझ को णही कुछ भि पत
मुश्किल बदा मेर सफर्
मही वे ए
मही वे ए
मही वे ए
मही वे ए

सनम कि बाहो मे बिखर जाउङि
कसम से टुत के मर जाउङि
सुन बवरी मेरा वतन है
मेर डिल है मेरी जान्
इस के लिए अब टो मुझे
जिना यहाँअन मराणा यहाँअन्
बावरी रे
बावरी रे
बावरी रे
मेहन्दी क रग ण छुते कभी सजन
चहुन मै टुझे हि सुबह्-शाम्
माही वे माही वे
हर ढडाँकान मे टु है मेरे मन मे सन्से जपती है टेरा णाम्
मही वे ए
मही वे ए
मही वे ए
मही वे ए