कुछ लब पे है - The Indic Lyrics Database

कुछ लब पे है

गीतकार - समीर | गायक - सोनू निगम आंड श्रेया घोषाल | संगीत - नीटिज़ eन सोनी | फ़िल्म - स्पार्क | वर्ष - 2014

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ओ… वो ओ ओ…
कुछ लब पे है, कुछ दिल में है
अरमां ज़रा मुश्किल में है
कुछ लब पे है, कुछ दिल में है
अरमां ज़रा मुश्किल में है

एक अजनबी प्यास, दीवानगी खास है
कुछ प्यार में कह तो दिया
कुछ कुछ मगर कहना भी है
कहना भी है…

लागे लागे कहीं ना अब जिया लागे
जागे जागे रातों को अब नैना जागे
बेचैनियां, शाम-ओ-सहर
मुझको नहीं मेरी खबर
सांसें चलें, बीते समय, पल ना ढले
जीना मुझे, अब तो तेरी, पलकों तले
[कुछ लब पे है, कुछ दिल में है
अरमां ज़रा मुश्किल में है]x२

झूमें झूमें मस्ती में मेरा तन झूमें
घूमें घूमें आवारा मेरा मन घूमें
तेरी गली तेरा सहर, अच्छी लगे तेरी डगर
रुक के चलें, चल के रुकें, ये कारवां

आधी लगे, पूरी लगे ये दास्तां
[कुछ लब पे है, कुछ दिल में है
अरमां ज़रा मुश्किल में है]x २

एक अजनबी प्यास, दीवानगी खास है
कुछ प्यार में कह तो दिया
कुछ कुछ मगर कहना भी है
कहना भी है…कहना भी है…