ओ मेरी, ओ मेरी, ओ मेरी शर्मीली - The Indic Lyrics Database

ओ मेरी, ओ मेरी, ओ मेरी शर्मीली

गीतकार - नीरज | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - शर्मीली | वर्ष - 1971

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ओ मेरी, ओ मेरी, ओ मेरी शर्मीली
आओ ना, तरसाओ ना
ओ मेरी शर्मीली ...
तेरा काजल लेकर रात बनी, रात बनी
तेरी मेंहदी लेकर दिन उगा, दिन उगा
तेरी बोली सुनकर सूर जगे, सूर जगे
तेरी खुशबू लेकर फूल खिला, फूल खिला
जान-ए-मन तू है कहाँ, ओ मेरी शर्मीली ...
तेरी राहों से गुज़रे जब से हम, जब से हम
मुझे मेरी डगर तक याद नहीं, याद नहीं
तुझे देखा जब से दिलरुबा, दिलरुबा
मुझे मेरा घर तक याद नहीं, याद नहीं
जान-ए-मन तू है कहाँ, ओ मेरी शर्मीली ...
ओ नीरज नयना आ ज़रा, आ ज़रा
तेरी लाज का घूँघट खोल दूँ, खोल दूँ
तेरे आँचल पर कोई गीत लिखूँ, गीत लिखूँ
तेरे होंठों में अमृत घोल दूँ, घोल दूँ
जान-ए-मन तू है कहाँ, ओ मेरी शर्मीली ...