चाहे तू मिता दे गरीबोन की दुनिया है तेरे हवाले - The Indic Lyrics Database

चाहे तू मिता दे गरीबोन की दुनिया है तेरे हवाले

गीतकार - स्वामी रामानंदी | गायक - सहगान, सुरैया, के एल सहगल | संगीत - लाल मोहम्मद | फ़िल्म - तदबीर | वर्ष - 1945

View in Roman

को : ( चाहे तू मिटा दे
चाहे तू बचा ले ) -२
( ग़रीबों की दुनिया
है तेरे हवाले ) -२अरे हाँ कभी बहती थीं यहाँ
दूध की नहरें
हर दिल में उठा -२
करती थीं आनन्द की लहरेंअब दुख के समन्दर में हैं
हम डूबने वालेहै तेरे हवाले -२
ग़रीबों की दुनिया
है तेरे हवालेसै : ग़रीबों की क़िसमत -२
कुछ ऐसी है सोई -२
जहाँ में नहीं
उनका हमदर्द कोईइ
सु : ( सब उनके लहू को
समझते हैं पानी ) -२
अब इन के लिये -२
मौत है ज़िन्दगानीसै : ना खाने को रोटी
हाँ
ना खाने को रोटी
ना तन पे है कपड़ा -२
मुसीबत है
और सहने को झगड़ा -२
दो : ( पड़े हैं ये ज़ालिम
ज़माने के पाले ) -२को : ग़रीबों की दुनिया
है तेरे हवालेसु : ( जहाँ को बनायें
जहाँ में रहें ना ) -२
( मुसीबत सहें और
मुँह से कहें ना ) -२सै : बेसब्र लाशें हज़ारों पड़ी हैं -२
बता ऐसी हालत में आँसू बहें ना
बता ऐसी हालत में आँसू बहें
दो : यूँ बहते हैं फूटे हुये दिल के छाले -२को : ( ग़रीबों की दुनिया
है तेरे हवाले ) -२चाहे तू मिटा दे
चाहे तू बचा ले
ग़रीबों की दुनिया
है तेरे हवाले