गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कुमार सानू | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - 1942: एक प्रेम कहानी | वर्ष - 1993
View in Romanसाजन की गलियाँ छोड़ चले
साजन की गलियाँ छोड़ चले
दिल रोया आँसू बेह ना सके
ये जीना भी कोई जीना है
हम उनको अपना केह ना सके
साजन की गलियाँ
जब उनसे बिछड़ कर आने लगे
रुक रुक के चले चल चल के रुके
लब काँपे आँखें भर आयी
कुछ केहना चाहा केह ना सके
साजन की गलियाँ छोड़ चले
दिल रोया आँसू बेह ना सके
साजन की गलियाँ
उनके लिये उनको छोड़ दिया
खुद अपने दिल को तोड़ दिया
हम उनके दिल में रेहते थे
उनके क़दमों में रेह ना सके
साजन की गलियाँ छोड चले
दिल रोया आँसू बेह ना सके
साजन की गलियाँ
साजन हैं वहाँ और हम हैं यहाँ
ऐसे दिल को ले जायें कहाँ
जो पास भी उनके रेह ना सके
और दर्दएजुदाई सेह ना सके
साजन की गलियाँ छोड़ चले
दिल रोया आँसू बेह ना सके
साजन की गलियाँ