इक रब अंबर पे धरती पे जो रब होता है वो है पिता - The Indic Lyrics Database

इक रब अंबर पे धरती पे जो रब होता है वो है पिता

गीतकार - प्रवीण भारद्वाज | गायक - सहगान, उदित नारायण | संगीत - आनंद राज आनंद | फ़िल्म - पिता | वर्ष - 2001

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इक रब अम्बर पे होता है
इक रब धरती पे होता है
अम्बर तक पहुँचा कौन
धरती पे जो रब होता है
वो है पिता वो है पिता
इक रब अम्बर पे ...फूल सा जिसका मन होता है और सीना फ़ौलाद का
अपना दुःख तो वो ना जाने जाने हर दुःख औलाद का
ग़म सहे वो रह्कर मौन हमको नहीं पता
धरती पे जो रब ...सबसे पहला धरम है जिसका अपना घर संसार
सबसे पहला करम है जिसका अपनों का उद्धार
उसके बिना हम कौन हमको नहीं पता
धरती पे जो रब ...जीने का पैगाम दिया है पिता ने हमको नाम दिया है
हमसे खता हुई तो भी अपने सर पे इल्ज़ाम लिया है
उनसे बड़ा है कौन हमको नहीं पता
धरती पे जो रब ...