धीरे से गगरी उतार रे मेरा धुल धुल जाये सिंगार - The Indic Lyrics Database

धीरे से गगरी उतार रे मेरा धुल धुल जाये सिंगार

गीतकार - शिव कुमार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रोशन | फ़िल्म - जिंदगी और हम | वर्ष - 1962

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(ओ धीरे से गगरी उतार रे
मेरा धुल धुल जाये सिंगार)-२
ओ धीरे से गगरी उतार(छल छल छलके मेरी गगरिया
नैनन बरसे धार रे)-२
ज्यूँ ज्यूँ भीगे रे मेरी भीनी चुनरिया
त्यूँ त्यूँ बाढ़े भार रे
मेरा धुल धुल जाये सिंगार
ओ धीरे से गगरी उतारबन में बोली काली कोयलिया
मन में मची है पुकार
तन में लगी रे मेरे बिरहा की अगिया
जल गया सब गुलज़ार रे
मेरा धुल धुल जाये सिंगार
ओ धीरे से गगरी उतार(पर्बत पे मेरे पी की नगरिया
नैहर नदिया पार रे)-२
प्राणों से भारी मेरे सिर की गगरिया
जाना है कोस हज़ार रे
मेरा धुल धुल जाये सिंगार
ओ धीरे से गगरी उतार