मूरख बंदे तक़दीर ये बोले - The Indic Lyrics Database

मूरख बंदे तक़दीर ये बोले

गीतकार - हसरत | गायक - रफी | संगीत - दत्ताराम | फ़िल्म - संतान | वर्ष - 1959

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मूरख बंदे तक़दीर ये बोले
जीने वाले ख़ुशी से जिए जा
अपने आँसू तू हँस के पिए जा
जीने वाले ख़ुशी
आती है जिसकी याद सुहानी
पास तेरे है उसकी निशानी
काम तेरा है जो वो किए जा
अपने आँसू तू
लाख मुश्किलें आएँ तू न डरना
सच की मंज़िलों से गुज़रना
टूटे दिल को तसल्ली दिए जा
अपने आँसू तू
ऐसी उलझन से क्या फ़ायदा है
जो भी होना था वो हो चुका है
दिल के टुकड़े की ख़ातिर जिए जा
अपने आँसू तू