मुस्कुराती हुई चाँदनी - The Indic Lyrics Database

मुस्कुराती हुई चाँदनी

गीतकार - रवि | गायक - हेमंत, लता | संगीत - रवि | फ़िल्म - अलबेली | वर्ष - 1955

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मुस्कुराती हुई चाँदनी
जगमगाता हुआ आसमाँ
ले चले हो मुझे तुम कहाँ
दो मुहब्बत भरे दिल जहाँ
कह सके प्यार की दासताँ
ले चले हम तुम्हें हैं वहाँ
कह रहे हैं नज़ारे पुकार के
बीत जाए ना दिन ये बहार के
सनसनाती हवाओं के गीत ने
तारें छेड़े हैं दिल के सितार के
ये सुहाना समा है उमंगें जवाँ
फिर खुले क्योँ ना दिल की ज़ुबाँ
आज कैसी सुहानी ये रात है
ज़िंदगी में नयी एक बात है
इन सितारों की रंगीन छाँव मे
दो दिलो का अनोखा ये साथ है
हम तुम्हारे हुए तुम हमारे हुए
प्यार का मुस्कुराया जहाँ