भगवान तेरे संसार के हैं खेल निराले - The Indic Lyrics Database

भगवान तेरे संसार के हैं खेल निराले

गीतकार - अंजुम पीलीभीति | गायक - अमीरबाई | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - विद्या | वर्ष - 1948

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भगवन तेरे संसार के हैं खेल निराले -२
( हँसता है कोई और कोई करता है नाले
खेल निराले ) -२
भगवन तेरे संसार के हैं खेल निरालेदुख से कोई बेचैन कोई सुख में है हँसता -२
मंज़िल पे कोई और कोई भूला है रस्ता
कोई भूला है रस्ता
कोई है मगन ग़ैरों से मिलने की ख़ुशी में -२
और कोई तड़पते हुये दिल को है सम्भाले
खेल निराले
भगवन तेरे संसार के हैं खेल निरालेकब तक कोई दुख झेलेगा सुख वालों के दात
कब तक कोई मुह धोयेगा अँशुवन से विधाता
रोना ही अगर है मेरी क़िस्मत में तो भग्वान
ओ तू भी ज़रा आ
ओ तू भी ज़रा साथ मेरे आँसू बहा ले
आँसू बहा लेभगवन तेरे संसार के हैं खेल निराले
हँसता है कोई और कोई करता है नाले
खेल निराले
भगवन तेरे संसार के हैं खेल निराले
भगवन खेल निराले