यूं रुथो ना हसीना मेरी जान पे बन जाएगी - The Indic Lyrics Database

यूं रुथो ना हसीना मेरी जान पे बन जाएगी

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे | वर्ष - 1966

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यूँ रूठो ना हसीना मेरी जान पे बन जाएगी
मेरी जान पे बन जाएगी यूँ रूठो ना हसीनाकरते न जो बहाना नज़दीक कैसे आते
ये फ़ासला ये दूरी हम किस तरह मिटाते
हाथों में तुम न लेते जब हाथ ही हमारा
इस बेक़रार दिल को मिलता कहाँ सहारा -२
हाय यूँ रूठो ना ...ये बाल बिखरे-बिखरे गालों पे यूँ न होते
ये नाग काले-काले फूलों में यूँ न सोते
ये रात का अन्धेरा दिन से गले न मिलता
उल्फ़त का शोख़ गुंचा ऐसे न दिल में खिलता -२
हाय यूँ रूठो ना ...आओ करीब आओ पलकों पे बैठ जाओ
आँखों में झूम जाओ दिल में मेरे समाओ
अब मुस्करा के कह दो हम तो ख़फ़ा नहीं हैं
एक दिल है एक जाँ है हम-तुम जुदा नहीं हैं -२
हाय यूँ रूठो ना ...