काले-काले आये बदरवा - The Indic Lyrics Database

काले-काले आये बदरवा

गीतकार - शकील | गायक - सुरैया, सहगान | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - नाटक | वर्ष - 1947

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कदम चले आगे मन पाछे भागे

कदम चले आगे मन पाछे भागे

कैसा है जाल मोह का

कैसा है जाल मोह का कैसे पक्के धागे

मन पाछे भागे

कदम चले आगे मन पाछे भागे

मैं बिसराऊँ वो याद आई

साथसाथ उन की परछाईं

मैं बिसराऊँ वो याद आये

साथसाथ उन की परछाईं

कैसे उन से आँख चुराऊँ

जिन से नैना लागे

मन पाछे भागे

कदम चले आगे मन पाछे भागे

मोरे मन्दिर प्रभु तुम बस जावो

मन से चिन्ता मोह छुड़ावो

मोरे मन्दिर प्रभु तुम बस जावो

मन से चिन्ता मोह छुड़ावो

मुरली पर यह टेर सुनाओ

वहीं सवेरा जहाँ जागे

मन पाछे भागे

कदम चले आगे मन पाछे भागे