तू शोक कलि मैं मस्त पावण - The Indic Lyrics Database

तू शोक कलि मैं मस्त पावण

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - लच्छी राम | फ़िल्म - मैं सुहागन हूं | वर्ष - 1964

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र : तू शोख़ कली मैं मस्त पवन तू शम्म-ए-वफ़ा मैं परवाना
गुलशन-गुलशन महफ़िल-महफ़िल तेरा मेरा अफ़सानाआ : मेरी पहली प्यास है तू आस है तू विश्वास है तू
जबसे दिल ने धड़कना सीखा तबसे दिल के पास है तू
तन भी तेरा मन भी तेरा ले ले ले ले नज़राना
र : तू शोख़ कली मैं ...दिल को दिल पहचान गया प्यार की बातें मान गया
नीची आँखें क्या कहती हैं मैं बिन बोले जान गया
ढलके-ढलके मस्ती ढलके छलके-छलके पैमाना
तू शोख़ कली मैं ...आ : हरदम आँखें चार करें हरदम सौ इकरार करें
नफ़रत दुनिया से मिट जाए हम तुम ऐसा प्यार करें
( महकें मचलें ) -२ हरदम ज़ुल्फ़ें हरदम लहके दीवाना
र : तू शोख़ कली मैं ...र : हुए तुम मेहरबाँ फिर दिल के तार थर्राए
मेरे रूठे हुए सब गीत सब नग़में पलट आए