सुरमई रात है अब तेरा इंतज़ार कौन करे - The Indic Lyrics Database

सुरमई रात है अब तेरा इंतज़ार कौन करे

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर, तलत महमूद | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - जोरू का भाई | वर्ष - 1955

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सुरमैइ रात है सितारे हैं
आज दोनों जहाँ हमारे हैंसुबह का इंतेज़ार कौन करे-२फिर यह रुत यह समा मिले न मिले
आर्ज़ू का चमन खिले न खिले
वक़्त का ऐतबार कौन करे
सुबह का इंतेज़ार कौन करेले भी लो हम को अपनी बाहों में
रूह बेचैन है निगाहों में
इल्तेजा बार बार कौन करे
सुबह का इंतेज़ार कौन करेनई रात ढलती जाती है
रूह ग़म से पिघलती जाती हैतेरी ज़ुल्फ़ों से प्यार कौन करे
अब तेरा इंतज़ार कौन करेतुम को अपना बना के देख लिया
एक बार आज़मा के देख लिया
बार बार ऐतबार कौन करे
अब तेरा इंतज़ार ...ऐ दिल-ए-ज़ार सोग़वार न हो
उनकी चाहत में बेक़रार न हो
हाय, बदनसीबों से प्यार कौन करे
अब तेरा इंतज़ार ...