अंबर को अपनि बाँहों में रक रक रक - The Indic Lyrics Database

अंबर को अपनि बाँहों में रक रक रक

गीतकार - समीर, अरुण भैरवी | गायक - कुणाल, गायत्री अय्यर, शंकर | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - रुद्राक्ष | वर्ष - 2003

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गा : अ.म्बर को अपनी बाँहों में आज भर ले
जो भी तमन्ना है साथ मेरे कर लेर र र
रक रक रक
त धिन
रे रे त्रन -७श : ( रक रकक
रक रकक रककक
त धिन त धिन त धिन
त धिन त धिन त धिन ) -२गा : धिन त धिन त न न -४
दो : धिन त धिन त न न -४गा : ऐसा मौक़ा फिर कहाँ
अन्जाना सहमा समाँ
आ जा दिखा दूँ
तुझको क़हक़शा
ऐसा नज़ारा
है यहाँ कहाँ
कुछ नहीं मुश्क़िल है
सबको समझाना है
चाँद को तारों को
धरती पे लाना हैअ.म्बर को अपनी बाँहों में आज भर ले
जो भी तमन्ना है साथ मेरे कर लेकु : रे
ऐसा मौक़ा फिर कहाँ
अन्जाना सहमा समाँ
गा : आ जा दिखा दूँ
तुझको क़हक़शा
ऐसा नज़ारा
है यहाँ कहाँदो : अ.म्बर को अपनी बाँहों में आज भर ले
गा : हेदो : धिन त धिन त न न -८गा : मैं जहाँ हूँ ज़िंदगी है
ज़िंदगी की हर ख़ुशी है
है मेरी रंगत जुदा
कु : हे
इस अदा से इस नज़र से
इस नज़र के हर असर से
कोई नहीं बच सका
गा : दिल को थाम ले
मेरा नाम ले
कु : लाये होश में
ऐसा जाम ले
गा : होंठों पे
को : साग़र सजा ले
गा : पलकों से
को : पल-पल उठा ले
गा : नूरों की
को : दुनिया बसा ले
गा : जन्नत की
को : रौनक चुरा लेगा : अ.म्बर को अपनी बाँहों में आज भर ले
जो भी तमन्ना है साथ मेरे कर लेकु : ऐसा मौक़ा फिर कहाँ
अन्जाना सहमा समाँगा : ( धिन त धिन त न न
को : धिन त धिन त न न ) -८