मुझे तुमसे मोहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता - The Indic Lyrics Database

मुझे तुमसे मोहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, महालक्ष्मी | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - क़यामत | वर्ष - 2003

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सुनील शेट्टी : तेरे बिना ऐसे जिये जा रहा हूँ मैं
लगता है जैसे कोई ग़ुनाह किये जा रहा हूँ मैंकु : हे हे हे आ आ आ आ हा
मुझे तुम से मोहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता हा आ आ
मेरी दिल की ये हसरत है मगर मैं कह नहीं सकता हा आ आम : मैं सब कुछ जानती हूँ फिर भी लेकिन
तुम्हारे ग़म से मैं जुदा नहीं हूँ
मुझे भी तेरी चाहत है मगर मैं कह नहीं सकती आ आ आ
मेरे दिल की ये हसरत है मगर मैं कह नहीं सकती आ आ आकु : मेरी क्या बेबसी है क्या बताऊँ
बताना कुछ भी तो मुमकिन नहीं है
मुझे तुम से भी उल्फ़त है मगर मैं कह नहीं सकता हा आ आ
मेरी दिल की ये हसरत है मगर मैं कह नहीं सकता हा आ आम : तड़पती मैं भी हूँ तेरे लिये पर
मैं हाल-ए-दिल सुनाऊँ भी तो कैसे
ज़माने से शिकायत है मगर मैं कह नहीं सकती आ आ आ
मेरी दिल की ये हसरत है मगर मैं कह नहीं सकती आ आ आ
कु : मुझे तुम से मोहब्बत है मगर मैं कह नहीं सकता हा आ आ
म : आ आ आ आ आ आ
कु : हे हे हे हे आ हा आ आ आ आ