अंधेरे पुरुष जो बैठे हैं - The Indic Lyrics Database

अंधेरे पुरुष जो बैठे हैं

गीतकार - प्रदीप | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - संबंध | वर्ष - 1969

View in Roman

अंधेरे में जो बैठे हैं, नज़र उन पर भी कुछ डालो
अरे ओ रोशनी वालों
बुरे हम हैं नहीं इतने, ज़रा देखो हमें भालो
अरे ओ रोशनी वालों ...क़फ़न से ढाँप कर बैठे हैं हम सपनों की लाशों को
जो क़िस्मत ने दिखाए, देखते हैं उन तमाशों को
हमें नफ़रत से मत देखो, ज़रा हम पर रहम खा लो
अरे ओ रोशनी वालों ...हमारे भी थे कुछ साथी, हमारे भी थे कुछ सपने
सभी वो राह में छूटे, वो सब रूठे जो थे अपने
जो रोते हैं कई दिन से, ज़रा उनको भी समझा लो
अरे ओ रोशनी वालों ...