सुन मेरी गल ओ गल प्यार के हैं पल - The Indic Lyrics Database

सुन मेरी गल ओ गल प्यार के हैं पल

गीतकार - वीनू महेंद्र | गायक - सोनू निगम, जसपिन्दर नरूला | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - सेंसर | वर्ष - 2001

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सुण मेरी गल ओ गल सुण मेरी गल
प्यार के हैं पल हां प्यार के हैं पल
छम से जवानी चली आई
आओ चखें प्यार की मलाई
ले ले मेरा दिल ये सलोना होय होय
प्यार से भरा है कोना कोना होय होय
किसी से भी मिल ऐसा मिलेगा ना दिल
चल चलें
ओ चलें ओ चलें ओ चलें
सुण मेरी गल ...इश्क़ नशे का प्याला है
ओ जिसने पिया मतवाला है
अरे राजी यार तो सब राजी
ओ सच्चे प्यार में रब राजी
कोई नहीं जितना प्यार ऊंचा इतना
अम्बर भी दिखता है थल्ले
ओ थल्ले
सुण मेरी गल ...शोर मचे तो मचने दे
प्यार में कुछ नहीं बचने दे
ओ हो यार के संग संग झूम के जी
इक दूजे को चूम के जी
संग जीना मरना दुनिया से क्या डरना
होने दे जितने भी हल्ले ओ
हल्ले ओ हल्ले ओ हल्ले
सुण मेरी गल ...