कोई पी के बाबा तेरी ये जवानी मेरा पिच्छा - The Indic Lyrics Database

कोई पी के बाबा तेरी ये जवानी मेरा पिच्छा

गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण, सपना अवस्थी, फाल्गुनी पाठक | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - घाट | वर्ष - 2000

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कोई पी के शीशे के गिलास को फोड़े
कोई यहां किसी की कलाई मरोड़े
कोई यहां नैनों से नैना जोड़े
कोई बेवफ़ाई करे दिल को तोड़े
ओ बाबा ऐ बाबा
बाबा तेरी ये जवानी मेरा पीछा ना छोड़े
ओ बाबा ऐ बाबा
बाबा तेरी ये कहानी मेरा पीछा ना छोड़े
बाबा तेरी ये जवानी ...लाख मनाऊं पर कहना ना माने
हाल मेरे दिल का बिल्कुल न जाने
इस पागल को समझाऊं मैं कैसे
मजबूरी इसको मैं बताऊं कैसे
आगे चलूं पीछे पीछे ये दौड़े
बाबा तेरी ये जवानी ...रोज मेरे सपनों में आए जाए
मेरी मोहब्बत में वो जान लुटाए
बोले आ तू मेरी मांग सजा दे
जळी से तू दुल्हन मुझे बना दे
कोई कैसे तोड़े रब जो रिश्ता जोड़े
बाबा तेरी ये जवानी ...कोई पी के शीशे के गिलास को फोड़े
कोई यहां किसी की कलाई मरोड़े
कोई यहां नैनों से नैना जोड़े
कोई बेवफ़ाई करे दिल को तोड़े
ओ बाबा ऐ बाबा
बाबा मेरी ये जवानी मेरा पीछा ना छोड़े
ओ बाबा ऐ बाबा
बाबा मेरी ये कहानी मेरा पीछा ना छोड़े
बाबा मेरी ये जवानी ...चोर जो आएं तो भिजवा दूं थाने
आँखों से जो मारूं मर जाएं दीवाने
तौबा मेरी तौबा जवानी के डर से
आजकल मैं तो निकलूं ना घर से
खेल लगे हैं मेरे रंग निगोड़े
बाबा मेरी ये जवानी ...ख्वाब हो तो उसको पलकों में छुपा लूं
दर्द हो तो उसको सीने में दबा लूं
इस बैरन को छुपाऊं हाय कैसे
हाल किसी को बताऊं हाय कैसे
आगे चलूं पीछे पीछे ये दौड़े
बाबा मेरी ये जवानी ...