तेरी आंखों की चाहत में - The Indic Lyrics Database

तेरी आंखों की चाहत में

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - अनवर | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - जनता हवलदार | वर्ष - 1979

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तेरी आँखों की चाहत में तो मैं सब कुछ लुटा दूँगा
मुहब्बत कैसे की जाती
मुहब्बत कैसे की जाती, हाँ दुनिया को दिखा दूँगा
तेरी आँखों की चाहत में ...तेरे नाज़ुक़, हसीं क़दमों के नीचे हमसफ़र मेरे -२
अरे, ओ हमसफ़र मेरे
जहाँ होगा कोई काँटा
जहाँ होगा कोई काँटा, वहाँ मैं दिल बिछा दूँगा
तेरी आँखों की चाहत में ...तमन्ना है के रोशन हो तेरी दुनिया तेरी महफ़िल -२
तेरी दुनिया तेरी महफ़िल
उजाला मिल सके तुझको
उजाला मिल सके तुझको, तो मैं घर भी जला दूँगा
तेरी आँखों की चाहत में ...बहारों चीज़ क्या है फूल, कलियाँ किसको कहते हैं -२
के कलियाँ किसको कहते हैं
लो मेरा सलाम, तो मैं
लो मेरा सलाम तो मैं तेरा जीवन सजा दूँगातेरी आँखों की चाहत में तो मैं सब कुछ लुटा दूँगा
मुहब्बत कैसे की जाती
मुहब्बत कैसे की जाती, हाँ दुनिया को दिखा दूँगा
तेरी आँखों की चाहत में ...