घुंघट हटा ना देना गोरिये - The Indic Lyrics Database

घुंघट हटा ना देना गोरिये

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - सपन सुहाने | वर्ष - 1961

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घूँघट हटा न देना गोरिये
चन्दा शरम से डूबेगा
हो कहीं मुस्कुरा न देना बलिये
चन्दा शरम से डूबेगा
कजरारी, मतवारी, रसभरी, अँखियों से, उइ ||स्थायी||देख के तेरे गाल गुलाबी
भँवरा धोखा खाये
तेरे तीर का मारा मुख से
पानी माँग न पाये
ये घूँघट -२
ये घूँघट हटा न देना गोरिये.. ||१||चढ़ती उमर मचलती नदिया
मस्ती में लहराये
कूल किनारा कुछ न देखे
बहा के सब ले जाये
ये घूँघट -२
ये घूँघट हटा न देना गोरिये.. ||२||बोल तेरे मिसरी से मीठे
जो सुन ले लुट जाये
जग-मग रूप करे उजियाला
दीपक कौन जलाये
ये घूँघट -२
ये घूँघट हटा न देना गोरिये.. ||३||