पतलि कमर चिकना बदन तिरछी नज़र है - The Indic Lyrics Database

पतलि कमर चिकना बदन तिरछी नज़र है

गीतकार - समीर | गायक - सपना अवस्थी, जॉली मुखर्जी, सुखविंदर सिंह, संदीप चौथा | संगीत - संदीप चौथा | फ़िल्म - जंगल | वर्ष - 2000

View in Roman

पतली कमर चिकना बदन तिरछी नज़र है
मस्ती भरी तेरी बाली उमर है
ये कोंद्या बा ये कोंद्या शो ये कोंद्या
बा बा बा बा रे कोंद्या शो
शो शो शो
ये कोंद्या बा
बा बा बा
ये कोंद्या शो
शो शो शो
ये कोंद्या बा बा बा बा रे कोंद्या शो
हां जिया मेरा धड़क धड़क जाए रे
अरे शोला कोई भड़क भड़क जाए रे
हाय रे हाय रे जान मेरी तड़प तड़प जाए रे
ज़रा सी प्यास बुझा दे आजा मेरी जान
आँखों में लाज का सुरमा
होंठों पे गुलों की लाली
ऐ देख मेरी छमिया तेरा यार इधर है
आग लगी दिल में बड़ा प्यासा जिगर है
ज़रा सा झुमका हिला
ज़रा सा ठुमका लगा
ये काली ज़ुल्फ़ हटा नखरे ना दिखा
हाय तू जो बलखाए हमें आए बड़ा मज़ा
तू जो लहराए रानी छाए कोई नशा
हां अंग है तेरा जादुई रंग है तेरा जादुई
हमपे दीवानी ऐसा जादू ना चला
हे पतली कमर ...मटक मटक मटक तू जो चले रे
अरे रे रे चटक चटक चटक बदन जले रे
हाय रे हाय रे हाय रे आके हमें लगा ले तू गले रे
काहे को दूर खड़ी है पास आ ज़रा
जा रे जा छोड़ दे पीछा ऐसे तो डाल न दाने
जाने दे ना ज़ुल्मी मेरा प्यार उधर है
कित्ते दिनों से मेरी उसपे नज़र है
अरे उसको बताना वो ही मेरा दीवाना
है उसके पास जाना रोक ना मुझे
हे नज़रें मिला के नज़र मोड़ के न जा
ऐसे में अकेले हमें छोड़ के न जा
ये जवानी उई उई छू ना मुझे मैं छुई मुई
दूर से तू देख मगर हाथ ना लगा
पतली कमर ...