आज फ़राकत का कवाब तुम से इज़हार ए हाल कर बैठे - The Indic Lyrics Database

आज फ़राकत का कवाब तुम से इज़हार ए हाल कर बैठे

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - मेरे महबूब | वर्ष - 1963

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आज फ़ुरकत का ख्वाब टूट गया
मिल गये तुम हिजाब टूट गयातुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल ...खो गये हुस्न की बहारों में
कह दिया राज़-ए-दिल इशारों में
काम हम बेमिसाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल ...कितने मजबूर हो गये दिल से
सोचे समझे बगैर क़ातिल से
ज़िन्दगी का सवाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल ...ये अदाएं ये शोखियां तौबा
बस खुदा ही खुदा है उस दिल का
जो तुम्हारा खयाल कर बैठे
बेखुदी में कमाल कर बैठे
तुम से इज़हार-ए-हाल ...