बागान की तुउ रानी है हन हुं - The Indic Lyrics Database

बागान की तुउ रानी है हन हुं

गीतकार - इन्दीवर | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - जानी दोस्त | वर्ष - 1983

View in Roman

बागों की तू रानी है
हाँ हूँ -३
अमवा पर छाई जवानी है
हाँ हूँ -३
सेबों पे आ गई लाली महकने लगे अनार
ओ बागों का तू राजकुमार
हाँ हूँ -३
तेरे लिए है इनकी बहार
हाँ हूँ -३
ओ कलियां आईं शबाबों पर फूलों पे आया निखार
ओ बागों की तू रानी है
हाँ हूँ -३
अरे बागों का तू राजकुमार
हाँ हूँ -३अंगूरी बेलें आपस में खेलें मौसम-ए-गुल के मेले को
चमके पपीता सोने जैसा रंग देखो अलबेले को
देखो देखो अर र र देखो न
जामुन सी आँखें चीकू सी बातें होंठ संतरे के जैसे
तेरे बदन के आगे चमन को देखूं तो कैसे देखूं
चल देखो दिल को सम्भालो बुरी निगाहें न डालो
ना ना ना ना ना ना
ना मिला है तुमको तो अभी कोई अख्तियार
ऐ बागों की तू रानी है ...चल जा रे महक गए संतरे तो पक गए
लचके डाली डाली
करे न चोरी कोई ओ गोरी
कहां है इनका माली
बोलो बोलो अरे बोलो बोलो
माली बनेगा वही जो इनकी कर पाए रखवाली
अब तक मैने सम्भाली ये बगिया अब न जाए सम्भाली
चुन ले तू मुझको माली करूंगा मैं रखवाली
छू न पाए तुझे कोई करूंगा पहरेदारी
बागों की तू रानी है ...