ओ छलिया रे मन में हमार नजर तोरी धनस गई - The Indic Lyrics Database

ओ छलिया रे मन में हमार नजर तोरी धनस गई

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - गंगा जमुना | वर्ष - 1961

View in Roman

आ : ओ छलिया रे छलिया रे मन में हमार
नजर तोरी धँस गई
को : होय धीरे-धीरे हौले-हौले धँस गईर : ओ जिया हमार कहरवा नाचे रे
आज मैना फँस गई
को : ओ धीरे-धीरे हौले-हौले फँस गईआ :ओ जा रे बेईमान तोरा कोई ना धरम
सुन तोरे बोल मोहे लागी रे शरम
को :ओ जा रे बेईमान तोरा कोई ना धरम
र : लो आज मोरा तुझ पे दिल है नरम
को : मोरा दिल है नरम -२
र : हो माँग ले जो माँगना हो प्यार की क़सम
आ : ओ पिया रे पिया तोरे नैनों की डोर
जीवन मोरा कस गई
को : हो धीरे-धीरे हौले-हौले कस गईर : ओ बल खाए ऐसन तोरी पतली कमर
ओ जैसे डगमग हो शराबी की नजर
को : ओ बल खाए ऐसन तोरी पतली क़मर
आ : ओ ललचाई अँखियों से देख न इधर
को : देख न इधर मोहे देख न इधर
आ : ओ अंग-अंग जिया मोरा काँपे थर-थर
र : ओ तेरी ज़ुल्फ़ों में फँस गया रे
मोरा जिया रे नागन डस गई
को : धीरे-धीरे हौले-हौले डस गईआ : हाय पग में पायल मोरी बोले छन-छन
संग-संग आज मोरे नाचे रे सजन
को : हाय पग में पायल तोरी बोले छन-छन
र : ओ चाँद सी जवानी तोरी फूल सा बदन
ओ जीत लिया रूप वाली तूने मोरा मन
आ : तोरी छबि ने गजब किया
चोरी-चोरी जिया में बस गई
को : धाय-धाय धिग धांय धिन धाय धिग -२
को : दाय ताय किढ़ताय किढ़ किढ़ किढ़ -२