कहाँ तक सुनोगे, कहाँ तक सुनाऊँ - The Indic Lyrics Database

कहाँ तक सुनोगे, कहाँ तक सुनाऊँ

गीतकार - तुफैल होशियारपुरी, कतील शिफाई | गायक - नूरजहां | संगीत - राशिद अत्रे | फ़िल्म - अनारकली (पाकिस्तान) | वर्ष - 1958

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मुहब्बत का नग़मा है मैं नग़मागर हूँ
ये नामा किसी का है मैं नामाबर हूँ
पढूँ ख़त के मज़मूँ ज़ुबानी सुनाऊँ
हज़ारों ही शिकवे हैं क्या क्या बताऊँ
कहाँ तक सुनोगे, कहाँ तक सुनाऊँ
हज़ारों ही शिकवे हैं क्या क्या बताऊँ
कहाँ तक सुनोगे, कहाँ तक सुनाऊँ
हुज़ूर आप पर इक जहाँ की नज़र है
निगाह-ए-करम से भी मुझ को ये डर है
जहाँ की नज़र में कहीं आ ना जाऊँ
कहाँ तक सुनोगे
ज़माना हुआ है मुझे मुस्कुराए
मुहब्बत में क्या क्या ना सदमें उठाये
किसे याद रख्खूँ किसे भूल जाऊँ
कहाँ तक सुनोगे