कहाँ मेरी मंज़िल कहाँ मेरी राहें - The Indic Lyrics Database

कहाँ मेरी मंज़िल कहाँ मेरी राहें

गीतकार - मधुकर राजस्थानी | गायक - तलत महमूद | संगीत - स्नेहल भटकर | फ़िल्म - दिवाली की रात | वर्ष - 1956

View in Roman

कहाँ मेरी मंज़िल कहाँ मेरी राहें
कहाँ अपने दिल को लिए जा रहा हूँ
बहारों ने मुझसे किया है किनारा
फ़िज़ाओं को सजदे किए जा रहा हूँ
गिरी ऐसी बिजली जला आशियाना
मगर ये चमन में किसी ने न जाना
लुटी मेरी दुनिया मिटी आरज़ुएँ
मगर फिर भी अब तक जिए जा रहा हूँ
शिकायत न उनसे न कोई गिला है
जहाँ में मुहब्बत का ये ही सिला है
छुपाए हुए दर्द दिल में हज़ारों
हुजूम-ए-तमन्ना लिए जा रहा हूँ
भुला दो मुझे और मेरी कहानी
मुबारक हो तुमको नई ज़िंदगानी
सलामत रहो तुमको सहरा मुबारक
दुआएँ मैं दिल से दिए जा रहा हूँ