भाभी कंगन जिस देश में गंगा रहता हैं - The Indic Lyrics Database

भाभी कंगन जिस देश में गंगा रहता हैं

गीतकार - देव कोहली, प्रवीण भारद्वाज | गायक - सहगान, अभिजीत | संगीत - आनंद राज आनंद | फ़िल्म - जिस देश में गंगा रहता है | वर्ष - 2000

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भाभी कंगन खनकाती है और माँ लोरियाँ गाती है
मद्धम मद्धम सी पवन चले कोयलिया गीत सुनाती है
बच्चा वहाँ आज भी चाँद को चंदामामा कहता है
जिस देश में गंगा रहता हैगाँव का पनघट पनघट का पानी भरे गगरिया कोई दीवानी
ठंडी ठंडी पुरवाई में मीठी मीठी खुश्बू
मत पूछो उस खुश्बू में होता है कैसा जादू
जादू ऐसा होता है के हर कोई झूमता रहता है
जिस देश में गंगा ...दिल बसा कर गाँव की ममता शहर में आया मैं जोगी रमता
सुख दुःख सारे मान कर और उन को अपना कर
तरह तरह के नातों से घर बन जाता है सुंदर
पल पल सच्चे रिश्तों का वहाँ प्यार बरसता है
जिस देश में गंगा ...