सो गया यह जहाँ सो गया आसमान: - The Indic Lyrics Database

सो गया यह जहाँ सो गया आसमान:

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - नितिन मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - तेजाब | वर्ष - 1988

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(सो गया ये जहां सो गया आसमान-२
सो गयी है सारी मन्ज़िलें
ओ सारी मन्ज़िलें सो गया है रस्ता
सो गया ये जहां सो गया आसमान )-२(रात आई तो वो जिनके घर थे
वो घर को गये सो गये
रात आई तो हम जैसे आवारा
फिर निकले राहों में आ खो गये )-२इस गली उस गली इस नगर उस नगर
जायें भी तो कहाँ जाना चाहें अगर
ओ सो गयी है सारी मन्ज़िलें
ओ सारी मन्ज़िलें सो गया है रस्ता
सो गया ये जहां सो गया आसमान-२कुछ मेरी सुनो कुछ अपनी कहो
हो पास तो ऐसी चुप ना रहो
हम पास भी हैं और दूर भी हैं
आज़ाद भी हैं मजबूर भी हैंक्यूँ प्यार का मौसम बीत गया
क्यूँ हमसे ज़माना जीत गया
हर घड़ी मेरा दिल गम के घेरे में है
ज़िंदगी दूर तक अब अन्धेरे में है
अन्धेरे में है, अन्धेरे में है
ओ सो गयी है सारी मन्ज़िलें
ओ सारी मन्ज़िलें सो गया है रस्ता
सो गया ये जहां सो गया आसमान-२