कह रही है ज़िंदगी, जी सके तो जी - The Indic Lyrics Database

कह रही है ज़िंदगी, जी सके तो जी

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - हेमंत | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - जलती निशानी | वर्ष - 1957

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हे
कह रही है ज़िंदगी, जी सके तो जी
कह रही है ज़िंदगी, जी सके तो जी
एक जाम प्यार का, पी सके तो पी
कह रही है ज़िंदगी, जी सके तो जी
जाम ये उसी का है
जाम ये उसी का है, जो आगे बड़े के थाम ले
इंतज़ार किसलिये, जाम उठा जाम ले
जाम उठा जाम ले
आस्माँ के हाथ से, छीन ले खुशी
कह रही है ज़िंदगी
हुस्न है खामोश, क्यों
हुस्न है खामोश {एलेcत्रिफ़्यिन्ग पौसे} क्यों, इश्क़ बेक़रार है साम्ने
बिठा के तुझको, तेरा इंतज़ार है
तेरा इंतज़ार है
होऽऽऽऽऽ
शोखियों की फुलझड़ी {स्मल्ल पौसे} कुछ तो इधर भि
कह रही है ज़िंदगी