रुत रंगीली आई चाँदनी छाई - The Indic Lyrics Database

रुत रंगीली आई चाँदनी छाई

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - नूरजहां, जोहराबाई, शमशाद बेगम और कोरस | संगीत - NA | फ़िल्म - मिर्जा साहेबान | वर्ष - 1947

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साँझ की बेला



साँझ की बेला

साँझ की बेला जिया अकेला

गुनगुनगुन क्या गाये

मैं खड़ी अकेली

याद किसी की आये आये आये

साँझ की बेला

साँझ की बेला जिया अकेला

गुनगुनगुन क्या गाये

मैं खड़ी अकेली

याद किसी की आये आये आये

साँझ की बेला

बाग़ में भँवरे झूम रहे हैं

झूम रहे हैं

कलियों के मुँह चूम रहे हैं

चूम रहे हैं

मोरे भँवरे आ जा आ जा रे

ये कली तेरी कुम्हलाये

हाय हाय

साँझ की बेला

अब न पिया मुझको तरसावो आवो

प्रेम सुधा बरसाओ आवो

प्रान पपीहा

प्रान पपीहा

पियापिया कर

प्रीतम तुझे बुलाये

मो : आ

के जिसे ढूँढते फिरते थे मोरे नैना

मोरे नैना

वो यहाँ छुपी है मोरे मन की मैना

मैना

उ : हम रूठ गये कुछ भी ना बात करेंगे

बात करेंगे

मो : हम रूठने वालों के नखरे भी सहेंगे

सहेंगे

उ : तुम प्यार भरे नैनों से हमें लुभाये

मो : कोई प्यार भरे हिरदय में हमें बसाये

उ : ए ए ए

दो : ए ए ए