(भंवरो, ना) - 2 तब तक हँसना रे - The Indic Lyrics Database

(भंवरो, ना) - 2 तब तक हँसना रे

गीतकार - पं. मधुर | गायक - जोहरा बाई, जी एम दुर्रानी | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - लालकर | वर्ष - 1944

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भीगीभीगी पलकें हैं

भीगीभीगी पलकें हैं

और दिल में याद तुम्हारी है

इस पे भी ओ बेदर्दी

प्यार की बाज़ी हारी है

तुम्हें चाहा ये क्या किया मैने

दुख ज़माने का ले लिया मैने

कभी दुश्मन की भी न हो

जो हालत आज हमारी है

इस पे भी ओ बेदर्दी

अरे ओ चाँद बादलों में जा

कि मेरा चाँद भी है छिप गया

उजाला क्यों रहे जहाँ में

मेरी तो उजड़ी दुनिया सारी है

इस पे भी ओ बेदर्दी