गोरी तेरे सपनों के सजना - The Indic Lyrics Database

गोरी तेरे सपनों के सजना

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - | वर्ष - 1956

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ल :गोरी तेरे सपनों के सजना
आये तेरे अन्गना
कर ले सोलह सिन्गार
हो
हो जा जाने को अब तैयार
हो
ले के डोली खड़े हैं कहारको : गोरी तेरे सपनों के सजना
आये तेरे अन्गना
कर ले सोलह सिन्गार
हो
हो जा जाने को अब तैयार
हो
ले के डोली खड़े हैं कहारल : कल से बालम के रंग रंग जायेगी
उनके मन के महल को सजायेगी तू
को : ओ सजायेगी तू
ल : बीते वो दिन भूल जाना सखी
को : हो
बीते वो दिन भूल जाना सखी
ल : भूल जाना वो बचपन का प्यारको :ले के डोली खड़े हैं कहार
गोरी तेरे सपनों के सजना
आये तेरे अन्गना
कर ले सोलह सिन्गार
हो
हो जा जाने को अब तैयार
हो
ले के डोली खड़े हैं कहारल : गोरी काहे को अब तेरे नैना भरे
एक दिन तो सभी को बिछड़ना पड़े
को : ओ बिछड़ना पड़े
ल : नैहर में रहना है दिन चार का
को : ओ नैहर में रहना है दिन चार का
ल : सबको जाना है साजन के द्वारको :ले के डोली खड़े हैं कहार
गोरी तेरे सपनों के सजना
आये तेरे अन्गना
कर ले सोलह सिन्गार
हो
हो जा जाने को अब तैयार
हो
ले के डोली खड़े हैं कहार