चली चली रे गोरी चाली बलखाई के - The Indic Lyrics Database

चली चली रे गोरी चाली बलखाई के

गीतकार - समीर | गायक - कोरस, अलका याज्ञनिक, विनोद राठौड़ | संगीत - आदेश श्रीवास्तव | फ़िल्म - शिकारी | वर्ष - 2000

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चली चली चली रे गोरी चली बलखाई के
गोरे गोरे मुखड़े पे घुंघटा गिराए के
हाँ कजरा लगाई के गजरा सजाई के
चूड़ी खनकाई के मुझे तड़पाई के
ओ ज़रा हल्लू से पल्लू सरकाईयो
गोरी जिया ना जलाइयो
ओ कहीं और जाके इसक लड़ाइयो
मोसे नज़र ना मिलाइयो
चली चली रे ...कोई संग ना सहेली कहां जाएगी अकेली
ज़रा इधर पलट जा
ऐ पलट रे
ओ चाहे जाऊँ जहाँ जाऊँ तेरे संग नहीं आऊँ
चल पीछे हट जा
अरे हट परे तू
ओ दिल की घंटी न ऐसे टुनटुनाइयो
भोंपू यहां ना बजाइयो
ज़रा हल्लू से पल्लू ...ओ जा रे जा रे हरजाई मेरी होगी रुसवाई
तेरा जाएगा भी क्या
अच्छा तुझे दूंगा नहीं धोखा कर ले मेरा तू भरोसा
ऐसे मुझे न तड़पा
ओ मेरी बाहों में आके झूल जाइयो
अरे आइयो कि झूल जाइयो
मटक मटक ना सताइयो
ऐ कहीं और जाके इसक ...