ज़मीं भी चुप है - The Indic Lyrics Database

ज़मीं भी चुप है

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मुकेश | संगीत - रोशन | फ़िल्म - माशूका | वर्ष - 1953

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ज़मीं भी चुप है आसमाँ भी चुप है किसी की दुनिया उजड़ रही है
बता ऐ मालिक ये कैसी क़िस्मत जो बनते-बनते बिगड़ रही है
मासूम दिल की हाँ पे ना कह दिया किसी ने
और बस इसी बहाने ग़म दे दिया किसी ने
बाद-ए-सबा जो आई और फूल मुस्कराए
सहला के ज़ख़्म मेरे बहला दिया किसी ने
और बस इसी बहाने ...
मालूम क्या था हमको है रंज-ओ-ग़म की दुनिया
सौ-सौ सितम उठाए दो दिन की ज़िन्दगी में
और बस इसी बहाने ...$